अजीनोमोटो , एक जापानी कंपनी का नाम है जो मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) को अजीनोमोटो के नाम से बेचती है। अजीनोमोटो को सोडियम ग्लूटामेट और MSG के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का glutamic अम्ल का sodium लवण है। सरल शब्दों में कहे तो ये एक प्रकार का नमक है, जो खाने के स्वाद को बढ़ा देता है।
अजीनोमोटो इंसानों के लिए नुकसानदायक है , इसके बारे में किसी भी देश की सरकारी फूड एजेंसी ने कोई पुख्ता प्रमाण नहीं दिए हैं। वैसे भी भारत में कोई भी एजेंसी कितने भी सबूत दे दे, जब तक अमेरिका उस खबर की पुष्टि नहीं करेगा, यहाँ कोई उस पर विश्वाश नहीं करने वाला।
कुछ समय पहले एक चाइनीज रेस्टोरेंट ने इसका प्रयोग न करने का फैसला किया क्योंकि जिन आहारों में अजीनोमोटो का प्रयोग हुआ था, उन्हें खाकर उनके ग्रहाक बीमार पड़ने लगे थे।
आपकी जानकारी के लिए बात दूं कि केवल चाइनीज खानों में ही इसका प्रयोग नही होता बल्कि बाजार में मिलने वाले डब्बा बंद फूड में प्रचुर मात्रा अजीनोमोटो डाला जाता है।
MSG का इस्तेमाल खासतौर पर चाइनीज और जापानी व्यंजनों में होता है। घरों में इस्तेमाल होने वाला 'अजीनोमोटो' ऐसा ब्रांड है जो विश्व का 33 प्रतिशत MSG बनाता है। अजीनोमोटो का उपयोग खासतौर पर चाइनीज भोजन का स्वाद बढ़ाने में किया जाता है। इसके अलावा, यह कैन्ड सूप, इंस्टैंट नूडल्स, सीजनिंग सॉल्ट, सिजलर्स, प्रोसेस्ड मीट, कुछ डिब्बाबंद भोजन, हॉट डॉग्स, चिप्स आदि में किया जाता है।
यहाँ तक कि बच्चो के खाने वाले आलू चिप्स के मसले और पैकेट बन सूप में भी इसकी काफी मात्रा प्रयोग की जाती है। इस तरह के डब्बा बन्द फ़ूड खाने से कई प्रकार की समस्याए हो सकती है।
बच्चों के विकास में बाधा
भोजन में आवश्यकता से अधिक एमएसजी का इस्तेमाल या प्रतिदिन एमएसजी युक्त जंकफूड और प्रोसेस्ड फूड का असर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है।'कई शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि एमएसजी युक्त डाइट बच्चों में मोटापे की समस्या का एक कारण है। इसके अलावा यह बच्चों को भोजन के प्रति अंतिसंवेदनशील बना सकता है। मसलन, एमएसजी युक्त भोजन अधिक खाने के बाद हो सकता है कि बच्चे को किसी दूसरी डाइट से एलर्जी हो जाए। इसके अलावा, यह बच्चों के व्यवहार से संबंधित समस्याओं का भी एक कारण है।'
गर्भावस्था में खतरनाक
आमतौर पर चिकित्सक गर्भवती महिलाओं को एमएसजी का सेवन कम करने की हिदायत देते हैं। चूंकि इसका गर्भवती महिला की सेहत पर प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन इसके साइड एफेक्ट्स कई बार उनके लिए गंभीर हो सकते हैं। स्नेहा के अनुसार, 'गर्भवती महिलाएं अगर एमएसजी युक्त डाइट का अधिकता में सेवन करें तो उनके होने वाले शिशु के नर्व्स के विकास में दिक्कत हो सकती है। हालांकि अभी तक इसके ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं फिर भी इसे उनके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं कहा जा सकता है।' इसके अलावा इसके अधिक सेवन से गर्भवती महिलाओं को अधिक उल्टियां या बेचैनी होने जैसे कुछ साइड एफेक्ट्स भी हो सकते हैं।और भी हैं साइड एफेक्ट्स
एमएसजी युक्त भोजन के और भी ऐसे साइड एफेक्ट्स हैं जैसे सिरदर्द होना, दिल की धड़कनों बढ़ जाना, बेचैनी, अत्याधिक पसीना होना, त्वचा पर रैशेज, अनिद्रा, सीने में दर्द, हमेशा कुछ न कुछ खाने का मन करना, कानों में सिहरन!और आखिरकार इससे होने वाली बीमारियों की वजह से MSG वाले खाद्य पदार्थों को जांच लिस्ट में रखा जाता है. इसके विवाद कभी कम नहीं हो सकते, क्योंकि खाद्य कंपनियों का आरोप है कि कोई उचित वैज्ञानिक तथ्य नहीं है, जो इन सभी आरोपों का समर्थन कर सके।